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Monday, February 2, 2009

चिरागों से अगर अँधेरा दूर होता ,तो चाँद की चाहत किसे होती


चिरागों से अगर अँधेरा दूर होता,

तो चाँद की चाहत किसे होती.

कट सकती अगर अकेले जिन्दगी,

तो दोस्ती नाम की चीज़ ही न होती.

कभी किसी से जीकर ऐ जुदाई का मत करना,

इस दोस्त से कभी रुसवाई मत करना,

जब दिल उब जाए हमसे तो बता देना,

न बताकर बेवफाई मत करना.

दोस्ती सच्ची हो तो वक्त रुक जता है

आसमा लाख ऊँचा हो मगर झुक जता है

दोस्ती मे दुनिया लाख बने रुकावट,

अगर दोस्त सचा हो तो खुदा भी झुक जता है.

दोस्ती वो एहसास है जो मिटती नही.

दोस्ती पर्वत है वो, जो झुकता नही,

इसकी कीमत क्या है पूछो हमसे,

यह वो "अनमोल" मोत्ती है जो बिकता नही . . .

सच्ची है दोस्ती आजमा के देखो..

करके यकीं मुझपर मेरे पास आके देखो,

बदलता नही कभी सोना अपना रंग ,

चाहे जितनी बार आग मे जला के देखो !!!

1 comment:

  1. Its 2 good Sir,
    Realy these words are touching heart.
    I wish that U will be keep it continue.

    Umakant Gupta.

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